Unmesh Gujarathi
उन्मेष गुजराथी
स्प्राऊट्स Exclusive
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने हाल ही में मीरा रोड पूर्व कनकिया स्थित शिक्षा माफिया लल्लन रामधर तिवारी द्वारा संचालित आर्किटेक्चर स्टडीज कॉलेज पर छापा मारा. छापेमारी के दौरान चार लोगों को गिरफ्तार किया गया. बताया जाता है कि इस दौरान एसीबी अधिकारियों ने करीब साडे़ 3 लाख रुपए बरामद भी किए. यह रकम अस्मिता आर्किटेक्चर कॉलेज बंद होने के बाद एडमिशन के लिए यहां आए छात्रों से ली गई थी.
उचित जांच के बाद स्वयं ल़ल्लन तिवारी की भी गिरफ्तारी हो सकती है. लेकिन राजनीतिक संरक्षण के कारण तिवारी के मुक्त होने और इस मामले के ‘प्रबंधित’ होने की संभावना अधिक है.
तिवारी अलग-अलग नेताओं के साथ फोटो खिंचवाने में कामयाब हो जाते हैं और इन तस्वीरों का इस्तेमाल प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए करते हैं. उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ भी फोटो खिंचवाई है.
शिक्षा क्षेत्र में कदम रखने से पहले तिवारी सांताक्रूज में आलू-प्याज बेचते थे.इसके बाद, उन्होंने आलू-प्याज का व्यवसाय छोड़ दिया और मीरा भायंदर में बस गए. उन्होंने जमीन पर कब्जा करना शुरू किया और उस काम से अर्जित काले धन को शिक्षा के क्षेत्र में निवेश किया. उन्होंने शैक्षिक क्षेत्र में अवैध काम किया और शिक्षा माफिया बन गए और राहुल एजुकेशन ट्रस्ट की स्थापना की.
पूर्व कांग्रेसी और अब भाजपा नेता कृपाशंकर सिंह और पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता ने शुरू से ही उनकी काफी मदद की.महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पहले ही पुरस्कार देने का रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं. प्रख्यात मराठी साहित्यकार स्वर्गीय आचार्य अत्रे के शब्दों में, हम अगले 10 वर्षों में ऐसा राज्यपाल नहीं पाएंगे, जो हर दिन थोक पुरस्कार वितरित करता रहा हो.
कोश्यारी ने लोगों को थोक पीएचडी डिग्री आपूर्तिकर्ता. वह भविष्य में भी अपने मिशन को जारी रखना निश्चित है, स्प्राउट्स की विशेष जांच टीम को इस पर भरोसा है.
इस कार्य में कोश्यारी का उनके सचिव उल्हास मुणगेकर द्वारा सहायता की जा रही है, जो कई वर्षों से अवैध रूप से उस पद पर काबिज हैं. मुणगेकर जैसे साधारण व्यक्ति को राजभवन में रखने के पीछे का ‘रहस्य’ ज्ञात नहीं है.
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा शिक्षा माफिया लल्लन तिवारी को राजभवन में “कोरोना योद्धा” के रूप में सम्मानित किया गया. उस समारोह में कोश्यारी ने सैकड़ों लोगों को पुरस्कार बांटे और जाहिर है मुणगेकर उनके साथ मजबूती से खड़े रहे.
लल्लन तिवारी ने ‘कोरोना योद्धा सम्मान’ नाम से एक समारोह का भी आयोजन किया. राजभवन में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल कोश्यारी मौजूद रहे. इस मौके पर कोश्यारी और लल्लन तिवारी ने सैकड़ों लोगों को पुरस्कार दिए. उसके पीछे मजबूती से खड़े रहे.