मुंबई बैंक के निदेशकों की धन-दौलत की कहानी की जांच करें
चॉल से गगनचुंबी ईमारत तक वाया मुंबई बैंक लूट
उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स एक्सक्लूसिव
मुंबई बैंक (Mumbai Bank) के 21 निदेशकों की व्यक्तिगत संपत्ति करोड़ों रुपये आंकी गई है. स्प्राउट्स की एसआईटी (Sprouts’ SIT) ने जांच की और पाया कि इन निदेशकों ने अपनी निजी संपत्ति में उस समय से कई गुना वृद्धि की है जब वे पहली बार बैंक के लिए निर्वाचित हुए थे.
कुछ अपवादों को छोड़कर, अन्य सभी निदेशकों ने कथित रूप से भ्रष्टाचार किया है और आय का कोई अन्य स्रोत न होने पर भी करोड़ों रुपये कमाए हैं. दुनिया के सबसे ‘अमीर ‘मजदूर’ माने जाने वाले प्रवीण दरेकर (Pravin Darekar) भी इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं. इस बैंक के एक निदेशक प्रसाद लाड (Prasad Lad) ने भी इसी तरह करोड़ों की कमाई की है.
निदेशक प्रवीण दरेकर और प्रसाद लाड को हाल ही में आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offences Wing (EOW) द्वारा क्लीन चिट दी गई है. यह एक सर्वविदित तथ्य है कि यह क्लीन चिट उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) के इशारे पर दी गई थी, जो गृह मंत्रालय के प्रमुख हैं, जिसके तहत ईओडब्ल्यू कार्य करता है. अब केवल मुंबई उच्च न्यायालय (Mumbai High Court) की निगरानी में एसआईटी या सीबीआई (SIT or CBI) की जांच से निदेशकों द्वारा किये गए भारी भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है जिन्होंने बैंक को लूटा है और जमाकर्ताओं और शेयरधारकों की कीमत पर करोड़ों की अवैध संपत्ति बनाई है.
प्रवीण दरेकर के भाई प्रकाश दरेकर (Prakash Darekar) की निदेशक के रूप में नियुक्ति अवैध है. नियुक्ति के इस अवैध तरीके को जल्द ही मुंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी. इस बैंक के वकील अखिलेश मायाशंकर चौबे (Akhilesh Mayashankar Chaubey) टैक्सचोर (tax evasion) हैं. उन्होंने दरेकर के हाथ गरम कर करोड़ों रुपए की निजी संपत्ति जमा की है. जिसकी खबर स्प्राउट्स द्वारा पहले ही प्रकाशित की जा चुकी है.
चॉल से टावर तक की कहानी
कुछ निदेशकों को छोड़कर अधिकांश निदेशक पहले चॉल में किराये के मकान में रहते थे. लेकिन आज, वे बैंक के शेयरधारक सदस्यों की कीमत पर ऊंचे टावरों में 3 बीएचके फ्लैट्स में रहते हैं. स्प्राउट्स द्वारा ऊपर की गई मांग के अनुसार एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच इस चॉल से गगनचुंबी ईमारत तक की कहानी उजागर करेगी.
जालसाज बैंक, दुनिया के सबसे अमीर ‘मजदूर’ और टैक्स चोरी करने वाले वकील ने बेशर्मी से ‘स्प्राउट्स’ को फिर से जारी किया नोटिस
‘स्प्राउट्स’ के खुलासे से प्रवीण दरेकर और उनके साथी इतने घबरा गए हैं कि दरेकर, बैंक और कर चोरी करने वाले वकील चौबे ने फिर से स्प्राउट्स के संपादक को नोटिस जारी कर माफी मांगने की मांग की है. यह इन लंपट तत्वों द्वारा स्प्राउट्स और उसके संपादक को धमकाने का एक जबरजस्त प्रयास है जो एक दिवास्वप्न है. इन भ्रष्ट निदेशकों और उनके वकीलों द्वारा कितना भी दबाव क्यों न डाला जाये, यह याद रखना चाहिए कि ‘स्प्राउट्स’ का संपादक ‘लोकसत्ता’ (Loksatta)का गिरीश कुबेर (Girish Kuber ) नहीं है, जो माफी मांगे और संपादकीय वापस ले ले.
इसी बीच, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता धनंजय शिंदे (Aam Aadmi Party Spokesperson – Dhananjay Shinde) और पुणे के सामाजिक और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता मारुति भापकर और मानव कांबले (social and anti-corruption activists Maruti Bhapkar and Manav Kamble from Pune) ने स्प्राउट्स से कहा है कि वे ईडी से मुंबई बैंक के निदेशकों द्वारा किये गए घोटाले की जांच की मांग करेंगे. शिंदे और भापकर ने यह भी कहा कि वे महाराष्ट्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित कानून के तहत लोकायुक्त द्वारा एमएलसी प्रवीण दरेकर (एक लोक सेवक होने के नाते) के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास एक याचिका दायर करेंगे.
स्प्राउट्स को इन रीढ़विहीन बैंक चोरों को यह बताने में गर्व है कि यह एक निर्भीक, स्वतंत्र और ख्याति प्राप्त अंग्रेजी अखबार है. जो अपने ईमानदार और निडर सिद्धांतों के साथ अपने पाठकों के अटूट समर्थन और ताकत के कारण खड़ा है.