टैक्स चोरी के लिए बनाई कंपनियां

‘नवभारत’ मैनेजमेंट और मालिकों का एक और फ्रॉड उजागर

उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स Exclusive

हिंदी दैनिक ‘नवभारत’ के मैनेजमेंट और मालिकों का हर दिन कोई न कोई घोटाला या फ्रॉड सामने आ रहा है. पहले सर्कुलेशन घोटाला, फिर कर्मचारियों के घर के लिए सानपाड़ा (पूर्व) में सिडको द्वारा आबंटित जमीन घोटाला के बाद ‘नवभारत’ के डायरेक्टर रहे डी.बी. शर्मा द्वारा पत्रकार कोटे का पवई में म्हाडा द्वारा निर्मित इमारत में फ्लैट हथियाने का मामला उजागर हो चुका है. इसके बाद अब ‘नवभारत’ के मालिकों और मैनेजमेंट द्वारा शेल कंपनियों के जरिए हर वर्ष करोड़ों रुपए की कर चोरी का मामला सामने आया है. इस मामले के पूरे कागजात स्प्राउट्स की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के हाथ लगे हैं.

17 कंपनियों का महाजाल

नवभारत प्रेस लिमिटेड विनोद रामगोपाल माहेश्वरी के स्वामित्व की मदर कंपनी है. ‘नवभारत’ का प्रकाशन नागपुर में वर्ष 1934 में शुरू हुआ. ‘नवभारत’ की आय बढ़ने के साथ विस्तार भी शुरू हुआ और अन्य कई कंपनियों के साथ टैक्स चोरी का खेल भी शुरू हुआ. इन कंपनियों में नवभारत प्रेस लि., मे. सेफ्रॉन इंडस्ट्रीज लि., मे. नवभारत प्रेस नागपुर (फर्म), मे. नवभारत प्रेस प्रा.लि. (नागपुर), मे. नवभारत रियल इस्टेट प्रा.लि., मे. नवभारत इंफ्रावेंचर प्रा.लि., मे. मध्यप्रदेश पब्लिकेशन प्रा.लि., मे. मध्यप्रदेश प्रेस प्रा.लि., मे. नवभारत न्यूज मीडिया लि., मे. बिनोवा पेपर क्रॉफ्ट लि., मे. नवभारत मीडिया नेटवर्क (फर्म), मे. नवभारत आउटडोर (फर्म), मे. नवभारत सोल्यूशन (फर्म), मे. नवभारत प्रकाशन (फर्म), मे. नवभारत प्रेस सर्कुलेशन (फर्म) शामिल हैं.

स्प्राउट्स की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के हाथ लगे सबूत की जांच-पड़ताल के बाद पता चला कि इन 17 कंपनियों में आधी से ज्यादा कंपनियां सिर्फ कागजों पर हैं, जो मदर कंपनी नवभारत प्रेस लि. के मुनाफे पर टैक्स की चोरी के लिए बनाई गई हैं. इन कंपनियों के डायरेक्टरों में विनोद रामगोपाल माहेश्वरी के अलावा श्रीरंगा विनोद माहेश्वरी, निमिष विनोद माहेश्वरी, अनुपमा निमिष माहेश्वरी, वैभव निमिष माहेश्वरी, शुभा माहेश्वरी, देशभूषण कुलभूषण शर्मा, विनीता जाजू, मनोज रामेश्वर सिन्हा, अनिल वाजपेयी व मंजूलिका वाजपेयी शामिल हैं.

ईडी से शिकायत

नवभारत प्रेस लि. के मालिकों के स्वामित्व वाली शेल कंपनियों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से शिकायत की गई है. ईडी इन कंपनियों की कुंडली खंगालने में जुटा है. जल्द ही ईडी की छापामार कार्रवाई होने की उम्मीद है.

ठाणे कोर्ट ने मांगा बैलेंसशीट

‘नवभारत” कर्मचारियों द्वारा मजीठिया वेज बोर्ड अवार्ड की मांग को लेकर ठाणे लेबर कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ‘नवभारत’ मैनेजमेंट से इन कंपनियों की बैलेंसशीट मांगा है, लेकिन ‘नवभारत’ मैनेजमेंट अभी तक टाल-मटोल कर रहा है.